हिमाचल से दिल्ली आने पर हुई मेरी किडनी ठीक

नमस्कार, मेरा मेघराज चौहान है और मैं हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश का रहने वाला हूँ। मैं बीते कई सालों से शुगर की समस्या जूझ रहा था जिसकी और मैंने कभी कोई खास ध्यान नहीं दिया और इसी वजह से चार साल पहले मेरी किडनी खराब हो गई थी। मैंने अपनी खराब हुई किडनी को ठीक करने के लिए कई महीनों तक डायलिसिस भी करवाया था, मुझे लगता था कि मैं इससे ठीक हो जाऊंगा। लेकिन मैं गलत था, क्योंकि डायलिसिस से मेरी तबियत में कोई सुधार तो आया नहीं उल्टा मेरी हालत पहले से ज्यादा खराब हो गई। अब डॉक्टर मेरी लगातार खराब होती तबियत को देखते हुए मुझे जल्द से जल्द किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कहने लगे थे, लेकिन मैं इस गंभीर उपचार से बच गया। क्योंकि मैंने अपने एक दोस्त की सलाह मानते हुए डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दिया था, जिससे कुछ ही महीनों में मेरी किडनी ठीक हो गई।

मैं किडनी खराब होने पहले से ही बीते कई सालों से शुगर की गंभीर बीमारी से जूझ रहा था। दरअसल, मुझे मीठा खाना बहुत ज्यादा पसंद था जिसकी वजह से मेरा ब्लड शुगर लेवल लगातार हाई होता जा रहा था और इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी। जब मुझे इस बारे में जानकारी मिली कि मुझे शुगर हुआ है तो डॉक्टर ने मुझे उसी समय मीठे से दूर रहने की सलाह दी ताकि मेरा शुगर लेवल काबू में रहें। डॉक्टर ने मुझसे उस समय कहा था कि अगर अब मैंने अपने खाने पीने में काबू करूँगा तो ये समस्या अभी यही खत्म हो जायगी और मुझे दवाओं की भी जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टर की बातें मानते हुए मैंने कुछ महीनों तक तो अपने खाने पीने में काफी काबू रखा लेकिन फिर उसके बाद मेरा सब्र का बाँध टूट गया और मैंने फिर से मीठी चीज़े खानी शुरू कर दी। इस दौरान जब मैंने मीठा नहीं खाया तो मेरा शुगर लेवल काफी काबू में आ चूका था पर जब फिर से मीठा शुरू किया तो बस फिर क्या था मेरा शुगर लेवल एक बार फिर से बढ़ गया। अब जब मेरा शुगर लेवल बढ़ने लगा तो डॉक्टर ने मुझे फिर से डाइट में कण्ट्रोल करने की सलाह दी पर इस बार मैंने दवाएं खानी शुरू कर दी। शुरुआत में तो मुझे शुगर की दवाओं से काफी आराम मिला लेकिन बाद में मुझे दवाओं से आराम मिलना कम होने लगा और मुझे मजबूरन इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने शुरू करने पड़े।

इन्सुलिन के इंजेक्शन लेने से मेरा शुगर लेवल काफी काबू में आ चूका था जिससे मुझे काफी मिल रहा था पर मुझे ये बिलकुल भी नहीं पता था कि अब मेरी किडनी खराब हो चुकी है। मुझे इन्सुलिन लेते हुए अभी करीब आधा साल ही बीता था कि मेरी तबियत अचानक से खराब रहने लगी जो किड किनी के खराब होने की निशानी थी।किडनी खराब होने पर मुझे सबसे पहले पेशाब से जुड़ी समस्या ही होना शुरू हुई थी जिसको कि मैं शुरुआत में शुगर की वजह से होने वाली समस्या समझ रहा था। इसकी शुरुआत मुझे कम पेशाब आने से हुई जो कि पहले भी होता था, लेकिन जब मुझे पेशाब करते हुए जलन होने लगी और पेशाब का रंग बदलने लगा तब मुझे कुछ गड़बड़ नज़र आने लगी। इसके अलावा मेरे पैरों में सूजन भी आ चुकी थी जो कुछ ही दिनों में इतनी ज्यादा बढ़ गई कि मुझे चलने-फिरने में भी भी परेशानी होने लगी थी और सूजन दो दिन में ही पैरों के साथ-साथ चेहरे पर भी आने लगी थी।इन दोनों समस्याओं के अलाव अब मुझे बुखार भी आने लग गया था और बुखार की वजह से मुझे दिन में बार-बार उल्टियाँ भी आने लगी थी। डॉक्टर से दवाएं भी ली पर उनसे भी कोई खास आराम नहीं मिल रहा था, शुगर दवाएं और इन्सुलिन लेने पर भी बढ़ता जा रहा था और साथ ही साथ ब्लड प्रेशर भी बढ़ने लगा था।

दो हफ्ते में ही मेरी हालत काफी खस्ता हो चुकी थी मैं अपने बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहा था। एक दिन तो हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि घर वालों ने मुझे तुरंत एक बड़े अस्पताल में एडमिट करवा दिया, जहाँ जाते ही डॉक्टर ने मेरी कुछ जांच करने के बाद मुझे जल्द-जल्द कई टेस्ट करवाने के लिए कहा। मैंने डॉक्टर के कहे अनुसार सभी टेस्ट करवाए और रिपोर्ट्स आते ही उन्हें दिखाई। मेरी रिपोर्ट्स देखने के बाद डॉक्टर ने मुझे बताया कि ज्यादा दवाएं लेने और हाई शुगर की वजह से मेरी किडनी खराब हो चुकी है इसी वजह से मुझे ये सभी समस्याएँ हो रही है। डॉक्टर की ये बात सुनने पर मुझे यकीन ही नहीं हुआ क्योंकि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि शुगर की वजह से किडनी भी खराब हो सकती है। जब मैंने डॉक्टर से इसके उपचार के बारे में पूछा तो उन्होंने मुझसे कहा कि इसका ट्रीटमेंट है आपके सामने अपनी किडनी ठीक करने के दो तरीके है पहला डायलिसिस और दूसरा किडनी ट्रांसप्लांट। डॉक्टर ने मुझे आगे बताया कि मुझे अभी से डायलिसिस शुरू करवाना होगा जो कि किडनी ट्रांसप्लांट करवाने तक चलता रहेगा।

उनकी ये बात सुनने के बाद मैं समझ चूका था कि ये जो भी हुआ है मेरी लापरवाहियों की वजह से हुआ है, खैर अब पछताने से कोई फायदा होने वाला नहीं था।कोई दूसरा चारा ना होने की वजह से मैंने डॉक्टर की बात मानते हुए अगले दिन से ही डायलिसिस करवाना शुरू कर दिया, जिससे मुझे काफी तकलीफ तो हुई लेकिन मैंने उसे सहन कर लिया। किडनी ठीक होने की उम्मीद में मैंने करीब साल भर तक हर हफ्ते दो बार डायलिसिस करवाया पर कोई फायदा नहीं मिला उल्टा हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि बचने की सभी उम्मीद खत्म होती नजर आने लगी थी। मेरी हालत को देखते हुए डॉक्टर मुझे कह चुके थे कि मेरे पास ज्यादा समय नहीं है, हाँ अगर किडनी ट्रांसप्लांट करवा लिया जाए तो कुछ बात बन सकती है। मैंने उसी समय डॉक्टर को किडनी ट्रांसप्लांट के लिए इंकार कर दिया और अपने मरने का इंतजार करने लगा, लेकिन अभी मेरा समय आया नहीं था। एक दिन जब मैं अपने घर में आराम कर रहा था तो मेरा एक दोस्त मुझसे मिलने आया और उसने मुझे बताया दिल्ली में ही एक आयुर्वेदिक हॉस्पिटल है जिसका नाम कर्मा आयुर्वेदा है, वहां पर बिना डायलिसिस के ही खराब किडनी का ट्रीटमेंट किया जाता है एक बार मुझे वहां जाना चाहिए।

Chronic Kidney Disease Ayurvedic Treatment

मैं अपने दोस्त की बात मानते हुए कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल चला गया और वहां डॉ. पुनीत धवन से मिला, आपको बता दूँ कि यह कर्मा आयुर्वेदा हॉस्पिटल के निदेशक भी है। मैंने डॉ. पुनीत धवन को अपनी सारी रिपोर्ट्स दिखाई, जिन्हें देखने के बाद उन्होंने मुझे बताया कि मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा बस मुझे समय से आयुर्वेदिक दवाएं लेने होगी और खाने पीने का भी खास ख्याल रखना होगा नहीं तो दवाओं से कोई आराम नहीं मिलेगा, इतना ही नहीं मुझे अब रोजाना योग भी करना होगा।डॉ. पुनीत धवन से मिलने के बाद मुझे लगा कि अब मैं जल्द ही ठीक हो जाऊंगा और मैंने इसी उम्मीद में घर जाते ही उनकी दी हुई आयुर्वेदिक दवाएं लेनी शुरू कर दी जिससे मुझे तक़रीबन महीने भर में आराम मिलता नज़र आने लग गया। महीने भर में ही मेरे पैरों में आई सूजन काफी कम हो गई और इसके साथ ही अब मुझे भूख भी लगने लग गई थी। सूजन कम होने की वजह से अब मुझे चलने में कोई भी परेशानी नहीं हो रही थी। इसके अलावा अब मुझे पेशाब से जुड़ी समस्याओं में भी आराम मिलने लग गया था जिससे मुझे अब खुलकर पेशाब आ रहा था। इतना ही नहीं मात्र 2 महीने में ही मेरा डायलिसिस भी बंद हो गया था जो कि मैं बीते कई महीनों से करवा रहा था, लेकिन उससे मुझे कोई फायदा नहीं मिल रहा था। आज मैं और मेरी दोनों किडनियां एक दम स्वस्थ है क्योंकि मैंने समय रहते डॉ. पुनीत धवन से आयुर्वेदिक उपचार लेना शुरू कर दिया था, सच कहूँ तो डायलिसिस के दौरान मुझे नहीं लगता था कि मैं बच पाउँगा पर डॉ. पुनीत धवन ने मुझे बचा लिया।

Comments